ये वचन हमें बताते हैं कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है और यह जीवन उसके पुत्र, यीशु मसीह में है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि अनन्त जीवन पाने का रास्ता यानि परमेश्वर के पुत्र को पाना है। अब प्रश्न ये है कि कैसे एक व्यक्ति परमेश्वर के पुत्र को पा सकता है?
उद्धार के लिए परमेश्वर के वचन
मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे। (मत्ती 18:3)
यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।(युहन्ना 3:3)
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनन्त जीवन है। (रोमियों 6:23)
यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा। क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है। क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा। (रोमियों 10:9, 10)
क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे। (इफीसियों 2:8, 9)
उस ने हमारा उद्धार किया; और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्नान, और पवित्र आत्मा के द्वारा हमें नया बनाने से हुआ। (तीतुस 3:5)
उद्धार प्राप्त करने के लिए बाइबल के वचन (Bible verses for salvation)
मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ। (प्रकाशितवाक्य 3:20)
क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। (युहन्ना 3:16)
जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर बना रहता है। (युहन्ना 3:36)
और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न पाएगा। (युहन्ना 10:28)
उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा। (प्रेरितों के काम 16:31)
इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं। (रोमियों 3:23)
और व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब वस्तुएं लहु के द्वारा शुद्ध की जाती हैं, और बिना लहु बहाए क्षमा नहीं होती। (इब्रानियों 9:22)
यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। (1 युहन्ना 1:9)
यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। (युहन्ना 14:6)
यीशु यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है; पुरानी बातें बीत गई हैं, देखो, वे सब नई हो गईं। (2 कुरिन्थियों 5:17)
परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अर्थात दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। (युहन्ना 1:12)