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हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं सकेती में पड़ा तब तू ने मुझे विस्तार दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले॥ भजन संहिता 4:1 |
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हे मनुष्यों के पुत्रों, कब तक मेरी महिमा के बदले अनादर होता रहेगा ? तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे ? भजन संहिता 4:2 |
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यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है; जब मैं यहोवा को पुकारूंगा तब वह सुन लेगा॥ भजन संहिता 4:3 |
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कांपते रहो और पाप मत करो; अपने अपने बिछौने पर मन ही मन सोचो और चुपचाप रहो। भजन संहिता 4:4 |
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धर्म के बलिदान चढ़ाओ, और यहोवा पर भरोसा रखो॥ भजन संहिता 4:5 |
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;बहुत से हैं जो कहते हैं कि कौन हम को कुछ भलाई दिखाएगा? हे यहोवा तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका! भजन संहिता 4:6 |
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तू ने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, जो उन को अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता था। भजन> संहिता 4:7 |
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मैं शान्ति से लेट जाऊंगा और सो जाऊंगा ; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को एकान्त में निश्चिन्त रहने देता है॥ भजन संहिता 4:8 |