"मेरे मुंह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हों, हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करने वाले!" - भजन संहिता 19:14
इस वचन में हम अपनी प्रार्थना और शब्दों को प्रभु के सामने स्वीकार्य मानने की प्रार्थना करते हैं, जो हमारे बल और उद्धारक हैं।
"यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी।" - भजन संहिता 23:1
यह वचन बताता है कि प्रभु हमारे जीवन का मार्गदर्शक हैं और वे हमें किसी भी चीज़ की कमी नहीं होने देंगे।
"यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं?" - भजन संहिता 27:1
यह वचन हमें आश्वस्त करता है कि प्रभु हमारी सुरक्षा और शक्ति हैं, इसलिए हमें किसी भी डर या भय का सामना नहीं करना पड़ेगा।
"परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! क्या ही धन्य है वह पुरूष जो उसकी शरण लेता है।" - भजन संहिता 34:8
यह वचन हमें प्रभु की अच्छाई का अनुभव करने और उसकी शरण में आने की प्रेरणा देता है।
"चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!" - भजन संहिता 46:10
प्रभु हमें चुप रहने और उनके दिव्य सत्ता को पहचानने के लिए कह रहे हैं। वह हर जगह महिमामयी हैं।
"इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।" - मत्ती 6:33
इस वचन के अनुसार, यदि हम परमेश्वर के राज्य और उसकी धार्मिकता को पहले स्थान पर रखते हैं, तो बाकी सब आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी।
"हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।" - मत्ती 11:28
प्रभु हमें अपनी चिंता और थकावट से राहत पाने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
"यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है।" - मरकुस 10:27
यह वचन हमें विश्वास दिलाता है कि परमेश्वर के लिए कोई भी चीज़ असंभव नहीं है।
"क्योंकि जो वचन परमेश्वर की ओर से होता है वह प्रभावरिहत नहीं होता।" - लूका 1:37
यह वचन हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर की सामर्थ्य असीम है और कोई भी बात उनके लिए असंभव नहीं है।
"क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।" - यूहन्ना 3:16
यह वचन परमेश्वर के अनंत प्रेम को दर्शाता है, जिसने मानवता के उद्धार के लिए अपने पुत्र को बलिदान दिया।
"तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।" - यूहन्ना 8:12
यीशु स्वयं को जीवन का प्रकाश बताते हैं, जो हमें अंधकार से निकालकर जीवन की राह दिखाते हैं।
"हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।" - रोमियों 8:28
यह वचन हमें विश्वास दिलाता है कि परमेश्वर हमारे जीवन के हर परिस्थिति को हमारी भलाई के लिए बदलते हैं, अगर हम उनसे प्रेम करते हैं और उनकी इच्छा के अनुसार चलते हैं।
"परमेश्वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्र आत्मा की सामर्थ से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए॥" - रोमियों 15:13
यह वचन हमें आशा और शांति की प्रार्थना करता है, ताकि हम पवित्र आत्मा की शक्ति से भरपूर रहें।
"तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको॥" - 1 कुरिन्थियों 10:13
इस वचन के माध्यम से हमें आश्वस्त किया जाता है कि परमेश्वर हमें किसी भी परीक्षा में अकेला नहीं छोड़ते और हर परीक्षा के लिए एक रास्ता प्रदान करते हैं।
"उस ने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।" - 2 कुरिन्थियों 12:9
यह वचन हमें बताता है कि परमेश्वर की कृपा हमारे लिए पर्याप्त है और उनकी शक्ति हमारे कमजोरियों में प्रकट होती है।
"पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं।" - गलातियों 5:22-23
यह वचन आत्मा के फलों को दर्शाता है, जो हमारे जीवन को और अधिक धार्मिक और संतुलित बनाते हैं।
"क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।" - इफिसियों 2:8-9
इस वचन में हमें बताया गया है कि उद्धार परमेश्वर की कृपा और उपहार है, जो हमारे कर्मों के आधार पर नहीं है।
"किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं। तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी॥" - फिलिप्पियों 4:6-7
यह वचन हमें चिंता को प्रार्थना और धन्यवाद से बदलने की सलाह देता है, जिससे परमेश्वर की शांति हमारे जीवन में बनी रहती है।
"जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।" - फिलिप्पियों 4:13
यह वचन हमें विश्वास दिलाता है कि मसीह के बल से हम हर कठिनाई का सामना कर सकते हैं।
"सदा आनन्दित रहो। निरन्तर प्रार्थना मे लगे रहो। हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है।" - 1 थिस्सलुनीकियों 5:16-18
इस वचन में हमें सदा आनंदित रहने, प्रार्थना करने और हर परिस्थिति में धन्यवाद करने की प्रेरणा दी जाती है।
"अब विश्वास आशा की हुई वस्तुओं का निश्चय, और अनदेखी वस्तुओं का प्रमाण है।" - इब्रानियों 11:1
यह वचन हमें विश्वास की परिभाषा देता है, जो हमें आशा की चीजों की निश्चितता और अदृश्य वस्तुओं की प्रमाणिकता प्रदान करता है।
"इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्तु, और उलझाने वाले पाप को दूर कर के, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें।" - इब्रानियों 12:1
यह वचन हमें प्रेरित करता है कि हम हर बाधा और पाप को त्याग कर, धैर्यपूर्वक अपनी आध्यात्मिक दौड़ की ओर ध्यान केंद्रित करें।
"यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी।" - याकूब 1:5
यह वचन हमें प्रेरित करता है कि हम बुद्धि की कमी के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करें, जो उदारता से प्रदान करता है।
"धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा, जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है।" - याकूब 1:12
इस वचन में हमें परीक्षा में स्थिर रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे हमें जीवन के मुकुट की प्राप्ति होगी।
"सुन, मैं तेरे संग रहूंगा, और जहां कहीं तू जाए वहां तेरी रक्षा करूंगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊंगा: मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूं तब तक तुझ को न छोडूंगा।" - उत्पत्ति 28:15
यह वचन हमें आश्वस्त करता है कि परमेश्वर हमें हर जगह सुरक्षित रखेंगे और अपने वादे पूरे करेंगे।
"परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।" - प्रेरितों के काम 1:8
यह वचन हमें पवित्र आत्मा की शक्ति प्राप्त करने के बाद प्रभु के गवाह बनने के लिए प्रेरित करता है।
"पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे।" - प्रेरितों के काम 2:38
यह वचन हमें पाप से मुक्ति पाने और पवित्र आत्मा की प्राप्ति के लिए बपतिस्मा लेने की सलाह देता है।
"आशा मे आनन्दित रहो; क्लेश मे स्थिर रहो; प्रार्थना मे नित्य लगे रहो।" - रोमियों 12:12
यह वचन हमें आशा में खुशी रखने, कठिनाइयों में धैर्य रखने और प्रार्थना में सतत रहने की सलाह देता है।
"प्रेम धीरजवन्त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता।" - 1 कुरिन्थियों 13:4-5
इस वचन के माध्यम से हमें प्रेम के गुणों को समझाया गया है, जो धैर्यवान, दयालु और विनम्र होता है।
"मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिस ने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया।" - गलातियों 2:20
यह वचन बताता है कि हम मसीह के साथ मिलकर जीते हैं और हमारा जीवन विश्वास के द्वारा मसीह में है।
Daily Morning Bible Verses in Hindi
"मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिस ने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा। - फिलिप्पियों 1:6
यह वचन हमें विश्वास दिलाता है कि परमेश्वर ने जो काम हमारे जीवन में शुरू किया है, वह उसे पूरा करेंगे।
"अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उस को तुम्हारा ध्यान है।" - 1 पतरस 5:7
इस वचन के माध्यम से हमें अपनी चिंताओं को प्रभु पर डालने की सलाह दी जाती है, क्योंकि वह हमारी चिंता करता है।
"क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ, और प्रेम, और संयम की आत्मा दी है।" - 2 तिमुथियुस 1:7
यह वचन हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर ने हमें डर नहीं, बल्कि शक्ति, प्रेम और आत्म-नियंत्रण का आत्मा दिया है।
"प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्त बनो।" - इफिसियों 6:10
इस वचन के माध्यम से हमें प्रभु की शक्ति में बलवान बनने की सलाह दी जाती है।
"मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा॥" - यशायाह 41:10
यह वचन हमें आश्वस्त करता है कि प्रभु हमारे साथ हैं और हमें बल और समर्थन देंगे।
"जब तू जल में हो कर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में हो कर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी।" - यशायाह 43:2
यह वचन बताता है कि परमेश्वर हमें कठिन परिस्थितियों में भी सुरक्षित रखेंगे।
"प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ।" - 1 यूहन्ना 4:18
इस वचन के अनुसार, पूर्ण प्रेम डर को समाप्त कर देता है और हमें आश्वस्त करता है।
"क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानी की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा।" - यिर्मयाह 29:11
यह वचन हमें बताता है कि परमेश्वर हमारे लिए केवल कल्याण और आशा के विचार करते हैं।
"मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुन कर तुझे बढ़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊंगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता।" - यिर्मयाह 33:3
यह वचन हमें प्रार्थना करने और परमेश्वर से अद्भुत बातें जानने का आश्वासन देता है।
"यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधी रखता है।" - नहूम 1:7
इस वचन के माध्यम से हमें याद दिलाया जाता है कि प्रभु संकट के दिनों में बल प्रदान करते हैं और हमें जानते हैं।
"उस समय ऐसा होगा कि उसका बोझ तेरे कंधे पर से और उसका जूआ तेरी गर्दन पर से उठा लिया जाएगा, और अभिषेक के कारण वह जूआ तोड़ डाला जाएगा॥" - यशायाह 10:27
यह वचन आश्वस्त करता है कि परमेश्वर हमारे जीवन से बोझ और बंधन हटा देंगे।
"तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा।" - नीतिवचन 3:5-6
यह वचन हमें अपनी समझ से अधिक प्रभु पर भरोसा रखने की सलाह देता है, जिससे वह हमारी राहें सीधी करेंगे।
"मैं ने तुम्हें सब कुछ करके दिखाया, कि इस रीति से परिश्रम करते हुए निर्बलों को सम्भालना, और प्रभु यीशु की बातें स्मरण रखना अवश्य है, कि उस ने आप ही कहा है; कि लेने से देना धन्य है॥" - प्रेरितों के काम 20:35
यह वचन हमें यह सिखाता है कि मेहनत और दान करना दूसरों की मदद करने और सच्चे सुख पाने का मार्ग है।
"इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो। और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे।" - 1 पतरस 1:6-7
यह वचन हमें कठिनाइयों को आनंदित मन से स्वीकार करने की सलाह देता है, जिससे हमारा विश्वास मजबूत होता है।
"प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।" - प्रेरितों के काम 16:31
यह वचन बताता है कि प्रभु यीशु पर
विश्वास करने से न केवल हम बल्कि हमारे घराने के लोग भी उद्धार पा सकते हैं।
"मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूं, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।" - यूहन्ना 14:27
यीशु हमें अपनी शांति प्रदान करते हैं, जो दुनिया की शांति से अलग है, और हमें डर और संकोच से मुक्त करने का आश्वासन देते हैं।
"यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।" - यूहन्ना 15:7
यह वचन बताता है कि अगर हम प्रभु में स्थिर रहते हैं और उनके वचन हमारे भीतर रहते हैं, तो हमारी प्रार्थनाएं पूरी होंगी।
"क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ, और प्रेम, और संयम की आत्मा दी है।" - 2 तिमुथियुस 1:7
यह वचन हमें बताता है कि परमेश्वर ने हमें डर के बजाय शक्ति, प्रेम और आत्म-नियंत्रण का आत्मा दिया है।
"चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।" - यूहन्ना 10:10
यीशु हमें बताते हैं कि वे हमारे जीवन को भरपूर और समृद्ध बनाने के लिए आए हैं, न कि उसे नष्ट करने के लिए।
"और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं॥" - मत्ती 28:20
यह वचन हमें आश्वस्त करता है कि यीशु हमारे साथ हैं, चाहे समय कैसा भी हो, और हर स्थिति में हमारे साथ रहेंगे।
निष्कर्ष
सुबह की शुरुआत में इन बाइबिल वचनों का ध्यान करने से हमें मानसिक शांति और आत्मिक बल मिलता है। ये वचन न केवल दिन की शुरुआत को सकारात्मक बनाते हैं बल्कि हमें हर स्थिति में आश्वस्त और मजबूत बनाए रखते हैं। हर दिन इन वचनों को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और देखें कि कैसे यह आपके जीवन को प्रभावित करता है।
सुप्रभात! आशा है कि ये वचन आपके दिन को सशक्त और प्रेरित करेंगे।