आज का वचन:- प्रभु में सदा आनन्दित रहो। ( फिलिप्पियों 4:4 ) View All

जान मैंने अपनी दी , खून दिया बेशवहा


जान मैंने अपनी दी , खून दिया बेशवहा

 1 . जान मैंने अपनी दी , खून दिया बेशवहा
 कि पाए ज़िन्दगी , और मौत से हो रिहा
 ये जान ये जान यूं दी तुझे क्या देता तू मुझे ( 2 )

2 . मैं छोड़ कर खास जलाल , ज़मीन पर आया था ,
 हुआ गरीब तंग हाल , सदमा उठाया था ,
 यूं मैंने मैंने छोड़ा सब क्या छोड़ता है तू अब ( 2 )

 3 . मुसीबत के बयान , मैंने गवारा की ,
 कि बचे तेरी जान , और पाये मख़लसी
 यूं दु : यूं दु : में मैं रहा क्या तूने कुछ सहा ( 2 )

 4 . मैं लाया हूं नजात और माफी का इनाम ,
 मैं लाया अब हयात और सुलह का पैगाम
 यह सब कुछ , सब कुछ लाया , अब तू क्या लाया है ( 2 )



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